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Hindi News / State / Youth were being brainwashed in the name of religion
प्रदेश में स्लीपर सेल और आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को तलाशने एसआईटी का होगा गठन
खुलासा फर्स्ट… भोपाल
भोपाल से गिरफ्तार जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी तालिबान को फॉलो करते हैं। वे संगठन में फुल टाइम और दूसरा पार्ट टाइम भर्ती करते हैं। इनके टारगेट पर भोपाल के युवा थे। गिरफ्तार चार आतंकियों में से एक जेएमबी की स्टूडेंट्स ब्रांच इस्लामी छात्र शिविर (आईसीएस) से भी जुड़ा है। ये खुलासा आतंकियों से पूछताछ में हुआ है। पूछताछ में पता चला है कि भोपाल में उन्हें ज्यादा रिस्पांस नहीं मिल रहा था। वे यहां के युवाओं का ब्रेनवॉश करने में नाकाम रहे। एक आतंकी उत्तर प्रदेश के सहारनुपर और तीन बांग्लादेश के रहने वाले हैं। चारों ने यूपी के सहारनपुर से फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाए थे। एटीएस ने चारों आतंकियों को भोपाल की विशेष अदालत में पेश किया। कोर्ट ने 28 मार्च तक के लिए रिमांड पर दिया है। एटीएस जल्द ही आतंकियों को सहारनपुर ले जाएगी। इनके दस्तावेज बनाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। एडीपीओ नीरेंद्र शर्मा ने बताया कि आतंकियों ने भोपाल के निशातपुरा इलाके में जिहादी साहित्य बांटा है। जिहादी साहित्य के जरिए ही युवाओं का ब्रेनवॉश कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रची।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी जानकारी ली है। पकड़े गए आतंकियों के पास से जेहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। एटीएस ने रात 3 बजे ऐशबाग इलाके से चारों को पकड़ा है। केंद्र सरकार ने जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश संगठन पर 2019 में पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था। जेएमबी ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में ब्लास्ट किया था, जिसमे 2 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 2018 में बोधगया में भी ब्लास्ट किया था। प्रतिबंध के बाद जेएमबी देश में अलग-अलग जगह स्लीपर सेल चला रहा है।
विधानसभा में भोपाल में आतंकियों की गिरफ्तारी का मामला गूंजा। कांग्रेस ने इसे सरकार का फेलियर बताया। पार्टी विधायक लक्ष्मण सिंह ने दावा किया कि बांधों के किनारे आतंकवादी अपना ठिकाना बना रहे हैं और वहीं रहकर मछुआरों की मदद से स्लीपर सेल तैयार कर रहे हैं। सरकार की बड़ी नाकामी है कि उसे ढाई साल में आतंकवादियों का पता ही नहीं चल पाया।
आतंकियों के मंसूबों को किया ध्वस्त
आतंकी समुदाय विशेष के युवाओं का ब्रेनवॉश कर जेएमबी में भर्ती कराने के मिशन में जुटे थे। इसके लिए वे आलिम के बहाने मस्जिदों और मदरसों में पहुंचकर युवाओं से संपर्क करने लगे। वह अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते, इससे पहले एटीएस ने दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए चारों आतंकियों के मंसूबे सिमी के बाद एमपी में जेएमबी का नेटवर्क खड़ा करना था।
दो तरह से संगठन में कर सकते हैं काम
जेएमबी की छात्र शाखा इस्लामी शिविर में पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य के रूप में खासकर कॉलेज छात्रों को शामिल किया जाता है। संगठन में शामिल आतंकियाें को एहसार कहा जाता है, उनके लिए संगठन बांग्लादेश स्थित मुख्यालय से निर्देश आते हैं और शीर्ष आतंकी इन सदस्यों से सीधे बात भी करते हैं। चारों आतंकी संगठन के इस नेटवर्क को भोपाल में तैयार करने की शुरुआत ही कर रहे थे।
सुरक्षा के बीच कोर्ट
लाए गए आतंकी
आतंकियों को सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे एटीएस की टीम कोर्ट लेकर पहुंची। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया। उनके चेहरे पर नकाब ढंक कर कोर्ट के अंदर लेकर पहुंची। करीब 10 मिनट तक आतंकी कोर्ट के अंदर रहे। इस दौरान आतंकियों को देखने कोर्ट में मौजूद लोगों की भीड़ जमा हो गई।
एसआईटी बनाकर नेटवर्क की कराएंगे जांच
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एमपी के सभी जिलों की पुलिस को इस तरह के संदिग्ध लोगों की जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। हम इसकी जांच के लिए एसआईटी बना रहे हैं। इस केस की तह तक जाकर जांच की जाएगी। तीन आतंकियों ने बांग्लादेशी होने की बात स्वीकार कर ली है।
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