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Hindi News / crime / When will the land mafia clamp down on Chirag
किसान के साथ साजिश के तहत किया था फर्जी मुख्तियारनामा
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
23 से अधिक आपराधिक मुकदमों के बाद सालभर पहले लसूड़िया थाने में दर्ज धोखाधड़ी के मामले में कुख्यात भूमाफिया चिराग शाह अब तक फरार है। पुलिस तो जैसे केस दर्ज कर उसे भूल ही गई है। दर्जनों लोग खून पसीने की कमाई से खरीदे प्लॉटों के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये पीड़ित प्रशासन की ओर मुंह तांकते हुए माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा की प्रदेश सरकार को कोसते हुए पूछने को मजबूर है कि आखिर चिराग शाह पर शिकंजा कब कसेगा?
2022 में तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर जूनी इंदौर तहसीलदार राजस्व निरीक्षक मनीष चतुर्वेदी निवासी श्रीकृष्णा एवेन्यू फेज-1, लिंबोदी ने चिराग पिता विपिन शाह, दीपक पिता रामावतार अग्रवाल, इसकी पत्नी स्वाति, घनश्यामदास पिता बद्रीप्रसाद अग्रवाल, किसान गजराजसिंह पिता रूपसिंह निवासी कैलोद हाला और एंजिल इंफ्राटेक प्रा.लि. प्रोपराइटर सत्यप्रकाश अग्रवाल पर लसूड़िया थाने में धोखाधड़ी का केस (अपराध क्रमांक 225/ 2022) दर्ज कराया था। केस दर्ज होने के बाद से ही बड़े पुलिस अधिकारियों से सांठगांठ के चलते चिराग शाह आज भी फरार है। पिछले दिनों वह शेल्बी अस्पताल के आस पास बेखौफ घुमता नजर आया था। थाना पुलिस तो क्या क्राइम ब्रांच भी उसे अब तक पकड़ नहीं पाई है। अपर कलेक्टर (अभय बेड़ेकर) भी शायद चिराग के आगे घुटने टेके नजर आते है। कालिंदी गोल्ड, फोनिक्स देवकोन के पीड़ितों के लिए चिराग शाह का काम संभाल रहा उसका गुर्गा साजिद पीड़ितों को सेटलमेंट का कहकर शिकायत वापस लेने के लिए धमकियां दे रहा है।
ऐसे दिया था धोखाधड़ी को अंजाम
चिराग शाह ने ग्राम कैलोद हाला में 38.574 हेक्टेयर पर टीएनसी से कृषि भूमि से आवासीय भूमि के रूप में स्वीकृत करने के बाद तीन नक्शे पास कराकर फिनिक्स टॉउनशिप नाम से कॉलोनी का विकास किया था। चिराग शाह ने जादूगरी दिखाते हुए किसान गजराजसिंह से अपटॉउन अपोलो टॉउनशिप निपानिया निवासी दीपक अग्रवाल के पक्ष में 10 फरवरी 2014 को एक मुख्तियार नामा तैयार कराया। हालांकि चालाकी ये दिखाई कि इसमें प्लॉट नंबरों का उल्लेख नहीं किया। इसके आधार पर दीपक अग्रवाल ने उक्त 38.574 हेक्टेयर भूमि के सर्वे नंबर 262/2 में आने वाले अलग-अलग नंबरों के कुल 26 प्लॉट अपनी कंपनी एंजिल इंफोटेक प्रा. लि. के नाम करा लिए। इस कंपनी में दीपक की पत्नी स्वाति अग्रवाल डायरेक्टर थी। हालांकि किसान गजराज सिंह 30 अक्टूबर 2013 को ही यानि दीपक के पक्ष में आम मुख्तियार नामा निष्पादित करने से पहले ही उक्त सर्वे की भूमि का मुख्तियार नामा घनश्याम पिता बद्रीप्रसाद अग्रवाल के पक्ष निष्पादित कर चुका था। जांच में ये भी सामने आया था कि चिराग शाह ने दीपक अग्रवाल को डमी के रूप में खड़ा कर प्लॉटों का फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
जल्द करेंगे गिरफ्तारी
मामले में जल्दबाजी में केस दर्ज हुआ था। कुछ दस्तावेजी ऋृटियां नजर आई थी। हालांकि जांच में स्थिति स्पष्ट हो गई। अब जल्द ही चिराग और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
- संतोष दूधी (टीआई लसूड़िया)
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