Download Our App from
Hindi News / politics / Weight of MP decreasing in BJP
खुलासा फर्स्ट… भोपाल
मध्य प्रदेश में 15 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं। महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से पश्चिम बंगाल का प्रभार वापस लिया। वहीं, अब शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड के साथ-साथ केंद्रीय चुनाव समिति से हटा दिया। इसके बाद से मप्र के इन दो नेताओं की राष्ट्रीय राजनीति में अस्तित्व को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि, दोनों का राज्य की राजनीति में अपना कद है और फिलहाल दोनों का विकल्प पार्टी के पास नहीं दिख रहा।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भाजपा में सबसे ताकतवर संसदीय बोर्ड से बाहर किया तो इसके कारणों को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई। लोगों में जिज्ञासा है आगे क्या होगा? आखिर संसदीय बोर्ड ही तो तय करता है किस राज्य में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? किसी पार्टी से गठबंधन करना है या नहीं? यानी पार्टी के हर छोटे-बड़े फैसले पर संसदीय बोर्ड की मुहर आवश्यक है। प्रदेश में चेहरा बदलने की कवायद 2018 से चल रही है। शिवराज को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देने की बात भी हो रही है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व जब भी प्रदेश में आता है तो इन कयासों को नकार दिया जाता है। अब शिवराज की संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से छुट्टी के बाद एक बार फिर 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले चेहरा बदलने की चर्चा तेज हो गई है।
विजयवर्गीय को लेकर भी अटकलबाजी
कैलाश विजयवर्गीय से पश्चिम बंगाल का प्रभार ले लिया गया है। मध्यप्रदेश में भी सक्रियता कम हुई है। हरियाणा में सरकार बनाने का सेहरा बंधने के बाद विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी मिली थी। वहां भी विजयवर्गीय ने अच्छा काम किया है। इस वजह से उनके भविष्य को लेकर अटकलें भी लग रही हैं। क्या उन्हें विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी?
No Comment Yet!!
Copyright © 2022 Khulasa First Pvt. Ltd., All Rights Reserved
Design & Developed By Web Endeavours