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Hindi News / indore / Police interference in the case pending in the court
महावर नगर मेन रोड के प्लॉट का मामला
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
कोर्ट के आदेश के बिना किसी भी विवादित जमीन पर कब्जा दिलाना पुलिस का काम नहीं है, लेकिन जब मामला ही कोर्ट में विचाराधीन हो तो पुलिस का दखल सरासर गलत है। ऐसा ही गलत काम अन्नपूर्णा पुलिस कर रही है। मामला महावर नगर मैन रोड के एक प्लॉट का है, जो परिवार तीन पीढ़ियों से यहां रह रहा है अन्नपूर्णा पुलिस ने उसके आधे प्लॉट पर दूसरे पक्ष का कब्जा करा दिया, जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
तोताराम बिंदोरिया के अनुसार उनके पिता सुखलाल ने दिसंबर 1967 में श्री महावर गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित से दशहरा मैदान मकान नंबर 234/1 और 234/2 (20 बाय 70, 20 बाय 70) के दो प्लॉट लिए थे। वर्तमान में उक्त पता अब महावर नगर मैन रोड मकान नंबर 19/2 और 20/1 है। उक्त 40 बाय 70 के प्लॉटों पर हमारे दो मकान हैं, जिनमें मैं अपने पूरे परिवार बहन फूलाबाई, जशोदाबाई, जमनाबाई, भाई हीरालाल, मुरलीधर, जगन्नाथ और सत्यनारायण के साथ पला-बढ़ा। इसी मकान में रहने के दौरान सन 1975 में पिता की मौत हो गई। कुछ साल पहले पता चला कि हमारे मकान के 20 बाय 70 के एक हिस्से को 1974 में सोसायटी के अधिकारियों से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेजों से पिपलियाहाना निवासी ज्ञानसिंह छाबड़ा ने अपने नाम कर लिया।
साल भर पहले पथराव के बाद इस तरह खुलेआम पिस्टल निकालकर धमकाया था बिंदोरिया परिवार को।
पहले पथराव कर चलाई थीं गोलियां,
तब भी टीआई ने नहीं दिया था साथ
तोताराम ने खुलासा फर्स्ट को बताया कि 3 फरवरी 2022 को भी निलेश गुप्ता ने अपने गुंडे साथियों के साथ मिलकर हमारे घर पर पथराव किया था। हवाई फायर भी किया था। हम अन्नपूर्णा थाने पहुंचे तो टीआई गोपाल परमार ने हमारी मदद करना तो दूर उलटा हमें ही थाने में बैठा लिया और धमकाया। उन्होंने मामले में आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की, बल्कि हमें आज भी धमकाया जाता है।
गुंडे लेकर पहुंचे और पुलिसकर्मियों के सामने धमकाया
उन्होंने बताया इसके बाद ज्ञानसिंह और उनके बेटे रमेशचंद्र की मौत हो गई। हमारे मकान के आधे भाग के फर्जी दस्तावेज बनाने का खुलासा तब हुआ जब 2012 में ज्ञानसिंह की बहू मीनारानी पति रमेशचंद्र ने उक्त हिस्से पर अपना दावा बताते हुए विवाद किया। इसके चलते वे मामले को कोर्ट (केस नं. 6600113/2016) में ले गए। पिछले दिनों 12 मई को निलेश पिता नाथूलाल गुप्ता, गुंडे अजय जैनकर उर्फ बंटी जैनकर, अजय माडल सहित 20 से ज्यादा गुंडे-बदमाशों और दर्जनों पुलिसकर्मियों को लेकर हमारे घर पहुंचा। उसने हमारे आधे मकान पर लगे पीपल के पेड़ कटवा दिए। भेरूबाबा का मंदिर तोड़कर उनकी मूर्ति तक ले गए।
हमने विरोध किया तो पुलिसकर्मियों के सामने गुप्ता और जैनकर ने धमकाया। पुलिसकर्मी भी हमारा साथ देने के बजाय हमें धमकाने लगे। टीआई गोपाल परमार को बताया तो उन्होंने भी चुप रहने नहीं तो हवालात में बंद करने की धमकी दी। थाने पर भी हमारी सुनवाई नहीं हुई। इस पूरे मामले में अन्नपूर्णा पुलिस की दूसरे पक्ष से सांठगांठ है तभी तो कोर्ट में विचाराधीन मामले में भी हमारे प्लॉट पर कब्जा करा दिया। अब प्लॉट पर टीन शेड ठोंककर वहां चौकीदार बैठा दिया है। विरोध और हमारे मालिकाना हक के दस्तावेज दिखाने के बावजूद अधिकारियों ने बिजली कनेक्शन भी दे दिया।
तोताराम झूठा, उसके पास कोई कागजात नहीं
तोताराम झूठे आरोप लगा रहा है। महावर नगर की उत्पत्ति से लेकर आज तक उसके पास प्लॉट नंबर 19/2 के कोई कागजात नहीं हैं। वह खुद मामला कोर्ट में ले गया, लेकिन वहां भी हार गया।
-गोपाल परमार, टीआई, अन्नपूर्णा थाना
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