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Hindi News / indore / Munna Doctor was also involved in Meghdoot Upvan scam
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
20 साल पहले बहुचर्चित मेघदूत उपवन घोटाले में मुन्ना डॉक्टर उर्फ योगेश मिश्रा भी शामिल था, लेकिन बाद में उसका नाम रहस्यमयी ढंग से पूरी चार्जशीट से गायब हो गया। कथित सौंदर्यीकरण कार्य में मुन्ना डॉक्टर के करीबी ने फर्जी ठेकेदारी की थी।
इस करीबी को मुन्ना डॉक्टर ने ही ठेका दिलवाया था, जिसने मेघदूत उपवन में कोई काम नहीं किया, लेकिन जो बिल लगाए वो मुन्ना डॉक्टर ने पास करवा दिए। तब कैलाश विजयवर्गीय महापौर थे और इस घोटाले में सजा पाए सूरज कैरो राजस्व समिति के प्रभारी थे। कैरो ने मुन्ना डॉक्टर के कहने पर न तो खुद ठेकेदार द्वारा किए गए कार्य का निरीक्षण किया और न अधिकारियों को करने दिया था, बल्कि मुन्ना डॉक्टर द्वारा ठेकेदार की ओर से पेश किए गए बिलों को बिना जांचे-परखे तुरंत पास कर दिया और पेमेंट भी करवा दिया था। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष छोटू शुक्ला ने इस घोटाले को लेकर लोकायुक्त में केस दर्ज कराया था, उसमें इससे जुड़े होने पर मुन्ना डॉक्टर उर्फ योगेश मिश्रा का नाम भी लिखा था, लेकिन वो बाद मेंं कैसे गायब हो गया, ये उन्हें भी नहीं मालूम।
हालांकि वो इतना तो कहते हैं कि इसमें मुन्ना डॉक्टर का नाम शामिल था। घोटाले को लेकर केस दर्ज होने के बाद सुनवाई में भी कई बार मुन्ना डॉक्टर कोर्ट में हाजिर हुआ था, लेकिन बाद में उसने आना बंद कर दिया। उसका नाम चार्जशीट के पहले हटा या बाद में, ये भी रहस्य के घेरे में है। शुक्ला को अपने द्वारा लगाए गए केस की अब ज्यादा याद नहीं है, लेकिन वे बताते हैं कि मुन्ना डॉक्टर का नाम आरोपियों में शामिल था।
उल्लेखनीय है कि 20 साल पहले वर्ष 2003 में मेघदूत उपवन में 33.64 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण कार्य किया गया था, जिसमें घोटाला हुआ था। इस मामले में हाल ही में जिला कोर्ट ने तत्कालीन राजस्व समिति प्रभारी सूरज कैरो के साथ तत्कालीन पार्षद राजेंद्र सोनी और कैलाश यादव और निगम के अधिकारियों तक को तीन साल की सजा व जुर्माना लगाया है।
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