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Hindi News / indore / Kanh and Saraswati river will be improved in Rs 511 crore
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
कान्ह एवं सरस्वती नदी को स्वच्छ करने के लिए केंद्र सरकार से 511 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। सांसद ने इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखा था। इसके बाद देशभर में नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत करीब 1,200 करोड़ रुपए की अलग-अलग परियोजनाएं मंजूर हुई है, इसमें सबसे ज्यादा 511 करोड़ रुपए इंदौर के लिए मंजूर किए गए हैं।
सांसद शंकर लालवानी ने पत्र में लिखा था कि नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए अप्रत्यक्ष रुप से प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नदियों को भी स्वच्छ किया जाना प्रस्तावित है। इसके चलते इंदौर की कान्ह एवं सरस्वती नदियों में प्रदूषण कम करने के लिए इंदौर नगर निगम ने भी एक प्रस्ताव भेजा है और इंदौर शहर की अभ्यास मंडल जैसी सामाजिक संस्थाएं भी इस विषय में लगातार सक्रिय है और उन्होंने पत्राचार भी किया है। हाल ही में नमामि गंगे मिशन के तहत करीब 1200 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाएं देशभर में स्वीकृत हुई है, इनमें सर्वाधिक राशि इंदौर को मिली है।
इंदौर एक ऐतहासिक शहर
सांसद लालवानी ने कहा है कि इंदौर एक ऐतिहासिक शहर है और स्वच्छता में लगातार प्रथम आने के कारण देश एवं दुनिया के लोगों की पसंद बना हुआ है। इंदौर के बीच से कान्ह एवं सरस्वती नदियां बहती हैं, इनको पुराने स्वरूप में लौटाने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार से मिली इस राशि से इंदौर की नदियों का प्रदूषण कम होगा और अप्रत्यक्ष रूप से हमारी आस्था का केंद्र गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
केंद्र की योजना का लाभ
केंद्र सरकार ने गंगा नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत सहायक नदियों एवं प्रदूषण को सोर्स पर कम करने के लिए योजना बनाई है। इसी योजना का जिक्र सांसद शंकर लालवानी ने अपने पत्र में करते हुए इंदौर के कान्ह व सरस्वती नदियों को स्वच्छ करने की मांग की, जिसे स्वीकार करते हुए केंद्र ने राशि मंजूर की है। ज्ञात रहे कि कान्ह एवं सरस्वती नदियां शिप्रा में, शिप्रा नदी चंबल में, चंबल नदी यमुना में एवं यमुना नदी गंगा नदी में मिलती है।
अब तक खर्च किए ३०० करोड़ रुपए
नगर निगम ने कान्ह की सफाई के लिए अब तक करीब ३०० करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी कान्ह में गंदा पानी और गाद भरी हुई हैं। फैक्ट्रियों का दूषित पानी भी इसमें पहुंच रहा है। ऐसे में केंद्र द्वारा मंजूर की गई राशि से कान्ह की सफाई किस तरह होगी, इसको लेकर सवाल लग गया है।
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