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Hindi News / indore / Gave the developer the rights of the poor
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
हाल ही में हीरानगर पुलिस ने सुयश विहार में हुई धांधली में केस दर्ज किया था। मामले में संस्था के (बर्हिगामी) अध्यक्ष को धोखाधड़ी सहित एक अन्य धारा में आरोपी बनाया गया। खुलासा फर्स्ट की पड़ताल में भी खुलासा हुआ कि कॉलोनी में छोटे-मोटे नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर खेल किए गए। गरीब और कमजोर तबके के लोगों का हक मारकर उनके हिस्से के प्लॉट डेवलपर को दे दिए गए।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले कर्मचारी राज्य बीमा निगम गृह निर्माण सहकारी संस्था (ईएसआईसी) ने ग्राम भमोरी दुबे की 10.75 हेक्टर जमीन पर सुयश विहार कॉलोनी काटी थी। मामले में कई गड़बड़ झाले की शिकायत मई 2019 में उसके कुछ सदस्यों ने की थी। मामले में जांच के बाद हीरानगर पुलिस ने (अपराध क्रमांक 669/22) संस्था के (बर्हिगामी) अध्यक्ष सुरेश त्रिवेदी निवासी रामजी वाटिका द्वितीय तेजाजीनगर पर 420 और 409 भादवि का केस 3 अगस्त को दर्ज किया। शिकायत की जांच में खुलासा हुआ कि सुरेश त्रिवेदी ने संस्था के अध्यक्ष पद पर रहते हुए संस्था के हक की जमीन नियम विरुद्ध यानि सारे नियमों को ताक पर रखते हुए 14 लोगों को रजिस्ट्री कर दी, जबकि ये लोग संस्था के सदस्य थे ही नहीं। यानि सुरेश त्रिवेदी ने संस्था के सदस्यों के हितों के विरुद्ध काम किया।
हर प्लॉट पर सहकारिता निरीक्षक को मोटा कमीशन
खुलासा फर्स्ट की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने सबसे पहले दिल्ली में कॉलोनी काटते हुए उसके सदस्यों को इसके प्लॉट दिए थे। इसी तर्ज पर ईएसआईसी ने इंदौर में सुयश विहार कॉलोनी काटी। यहां जो प्लॉट कर्मचारियों को दिए गए। प्लॉटों की रजिस्ट्री नियम विरुद्ध की गई। यानि ज्यादातर प्लॉट अविकसित थे। सुरेश त्रिवेदी ने इन अविकसित प्लॉटों को विकसित करने का एग्रीमेंट चौकसे बिल्डर से किया था। कॉलोनी को विकसित करने का काम मुकेश सेन ने किया। सरकार का नियम है कि जब भी कोई कॉलोनी विकसित की जाती है, उसमें गरीब तबके के लोगों के लिए भी प्लॉट छोड़े जाते हैं। इन प्लॉटों में ही असल खेल किया गया। संस्था अध्यक्ष रहते सुरेश त्रिवेदी ने कॉलोनी विकसित करने के एवज में उक्त प्लॉटों की रजिस्ट्री डेवलपर को कर दी। हर प्लॉट की रजिस्ट्री पर तत्कालीन सहकारिता निरीक्षक को 50 हजार रुपए दिए गए।
सालभर पहले हुई थी तीन प्लॉटों की शिकायत
पता चला है कि सुयश विहार में योगेश मिश्रा उर्फ मुन्ना डॉक्टर के तीन प्लॉटो को लेकर शिकायत हुई थी। शिकायत थी कि वह तीन प्लॉटों को मिलाकर निर्माण कार्य कर रहा है। निगम कमिश्नर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया था, लेकिन बाद में सेटिंगबाजी से निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था।
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