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केदारघाटी के हेलिपैड से केदारनाथ के लिए संचालित हो रहे हेलिकॉप्टर एक घंटे में 25 से ज्यादा चक्कर लगा रहे हैं। इस दौरान एक हेलिकॉप्टर कम से कम तीन से पांच चक्कर लगा रहा है। विशेषज्ञ हेलिकॉप्टरों की उड़ान को हिमालय की सेहत के लिए शुभ नहीं मान रहे, जबकि एक दशक पूर्व पूरा क्षेत्र आपदा की मार झेल चुका है। समुद्रतल 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरा है। साथ ही केदारघाटी से केदारनाथ का रास्ता भी दो तरफा वी आकार की संकरी घाटी जैसा है, जो अतिसंवेदनशील है। बावजूद घाटी दिनभर हेलिकॉप्टरों की गर्जना से गूंज रही है। 25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार सात हेली कंपनियों के हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं।
टैक्सी की तरह एक घंटे में 25 चक्कर लगा रहे सात हेलिकॉप्टर
खुलासा फर्स्ट। ये हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी, चारधाम, मैखंडा, फाटा, सिरसी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हैं। यात्रा से जुड़े अफसरों का कहना है कि हेलिकॉप्टर एक घंटे में केदारनाथ के लिए कम से कम 25 चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता कि हेलिकॉप्टरों के शोर का क्या असर पड़ रहा होगा। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अधीन यह क्षेत्र सेंचुअरी में है, जहां मानवीय हलचल भी प्रतिबंधित है। वहां, आपदा के बाद से प्रतिवर्ष यात्राकाल में हेलिकॉप्टर जमकर उड़ान भर रहे हैं। एनजीटी, वन विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञ भी हेलिकॉप्टर शोर और धुएं के कार्बन को वन्य जीवों व ग्लेशियरों की सेहत के लिए सही नहीं मानते हैं।
‘शोर से वन्य जीव होते हैं विचलित’
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एचओडी प्रो. आरके मैखुरी का कहना है कि वर्ष 2005 से 2012 के बीच उन्होंने केदारनाथ के लिए संचालित होने वाले हेलिकॉप्टर पर शोध कर रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें स्पष्ट कहा था कि केदारनाथ में उड़ान भर रहे हेलिकॉप्टर से केदारघाटी के आबादी क्षेत्र में भी लोगों को परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी उन स्कूली बच्चों को हो रही, जिनके स्कूल हेलिपैड के पास हैं। वह पूरे यात्राकाल में अपने स्कूलों में सही से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
साथ ही हेलिकॉप्टर की गड़गड़ाहट से हेलिपैड से एक किमी के दायरे के गांवों में पालतू पशुओं के व्यवहार में भी परिवर्तन हुआ है। रामबाड़ा से केदारनाथ के बीच वन्य जीव क्षेत्र में रहने वाले घुरड़, थार, मृग सहित अन्य वन्य जीव आवाज से विचलित होते हैं। वन्य जीवों के मल सैंपल की जांच में पुष्टि हुई थी। तब सरकार को इस संबंध में आगाह भी किया गया था, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली।
वन विभाग की रिपोर्ट की गई दरकिनार
आपदा के बाद केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ आकाश वर्मा ने केदारनाथ यात्रा के दौरान उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टर की आवाज की माप की थी। गुप्तकाशी, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ हेलिपैड पर एक से साठ सेकंड मापी गई आवाज में पाया गया कि सभी हेलिपैड पर हेलिकॉप्टर की ध्वनि आम आदमी के सुनने की क्षमता 72 डेसिबल से अधिक है। सबसे अधिक ध्वनि केदारनाथ हेलिपैड पर पाई गई, जो न्यूनतम 92 डेसिबल और अधिकतम 108 डेसिबल पाई गई। उन्होंने रिपोर्ट शासन को भेजी।
बढ़ता गया हेलिकॉप्टर सेवा का दायरा
केदारनाथ के लिए सबसे पहले 2004 में अगस्त्यमुनि से हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की गई। इसके बाद 2006 से केदारघाटी से संचालन होने लगा। वर्ष 2012 तक केदारनाथ यात्रा में छह हेली कंपनियां सेवाएं देती रहीं, लेकिन जून 2013 की आपदा के बाद हेलिकॉप्टर सेवाओं का दायरा कम करने के बजाय सरकार ने इसे केदारनाथ तक सुलभ पहुंच का सबसे सरल माध्यम मानते हुए बढ़ावा दिया। 2014 में छह कंपनियों ने सेवा दी। इसके बाद 2015 में संख्या नौ हो गई, 2016 में 11, 2017 व 2018 में 13-13, 2019 में नौ कंपनियों ने सेवा दी। वर्तमान में सात हेली कंपनियों के हेलिकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं।
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में मौसम साफ केदारनाथ यात्रियों की संख्या बढ़ी
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मौसम साफ है। दोनों धामों में चारधाम यात्रा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। दोनों धामों में इन दिनों तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। यमुनोत्री धाम में गत सोमवार को 10256 और कुल-239913 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन कर दिए हैं। गंगोत्री धाम में सोमवार को 11367 और कुल 265329 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के लिए मंगलवार सुबह 9:00 बजे तक 5000 तीर्थयात्री रवाना हुए। जबकि गंगोत्री धाम में सुबह 9 बजे तक करीब 4500 तीर्थयात्री पहुंच गए हैं।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण धाम में चारधाम व्यापारी और तीर्थ पुरोहित काफी खुश है। साथ ही दोनों धामों के विभिन्न पड़ाव पर भी रौनक लौट आई है। गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री गोमुख तपोवन ट्रैक भी इन दिनों गुलजार हो गया है। इस ट्रैक पर प्रतिदिन 125 से अधिक पर्यटक ट्रैकिंग करने के लिए जा रहे हैं। मंगलवार की सुबह 105 सैलानी गौमुख तपोवन की ट्रेकिंग के लिए रवाना हुए हैं।
पड़ावों पर मुस्तैद पुलिस बल
ज्यों-ज्यों केदारनाथ धाम में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। दिन-प्रतिदिन अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। अब तक की यात्रा में साढ़े चार लाख का आंकड़ा पार हो चुका है। श्री केदारनाथ धाम सहित सभी यात्रा पड़ावों पर आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सेवा हेतु पुलिस बल तैनात है। न केवल जिला पुलिस अपितु एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पीएसी फायर कार्मिक, अभिसूचना इकाई, संचार कार्मिक, होमगार्ड, पीआरडी, सभी पारस्परिक समन्वय के साथ यात्रा से सम्बन्धित सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटियों में लगे हैं।
पैदल मार्ग की दुश्वारियां हों या फिर कुबेर व भैरव गधेरे का ग्लेशियर व एवलांच वाला क्षेत्र, सोनप्रयाग व गौरीकुण्ड की संकरी जगह पर भीड़ प्रबन्धन, घोड़ा पड़ावों व शटल पार्किग से सम्बन्धित ड्यूटी, सोनप्रयाग व सीतापुर पार्किंग सहित सम्पूर्ण यात्रा मार्ग पर यातायात की ड्यूटी, इन सभी स्थानों पर पुलिस के स्तर से दिन रात एक करके आ रहे श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल व सुगम बनाया जा रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बीच भी सम्पूर्ण पुलिस बल द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। राह भटक चुके व अपनों से बिछड़ों को मिलवाने का जिम्मा बखूबी निभा रहे हैं। खोयी सामग्री, खोये मोबाइल वापस कराये जा रहे हैं। किसी प्रकार से दुर्घटना से या गिर जाने से घायल हो रहे। श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार देकर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जा रहे हैं। बूढ़े बुजुर्गों को सहारा देकर उनकी राह आसान कर सुगम दर्शन कराये जा रहे हैं।
अब तक 17 श्रद्धालुओं की अटैक से जा चुकी जान
यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए उत्तर प्रदेश के एक तीर्थयात्री की जानकीचट्टी में मौत हो गई। धाम की यात्रा के दौरान हार्टअटैक से मरने वालों की संख्या 17 पहुंच चुकी है। लंबी पैदल यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होती है। पैदल यात्रा से अचानक शारीरिक तनाव भी बढ़ जाता है। ऐसे में दिल के पुराने रोगी, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, धूम्रपान करने वाले, गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कुछ दूर चलने पर सांस फूलना और छाती में दर्द जैसे लक्षणों पर तत्काल यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। यात्रा के पहले पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फार्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी।
यात्रा से पहले कराएं ये जांचें
• ईसीजी, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच
• दवाएं, उपकरण और सावधानी
• दिल, उच्च रक्तचाप और डायबिटिज के मरीज दवा साथ रखें।
• पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर रखें, ठंड से बचाव करें।
• रोजाना 1.5 से 2 लीटर पानी पीएं (हृदय रोगी चिकित्सक की सलाह पर)
इनको अधिक खतरा
• हृदय की पंप कैपेसिटी 60 फीसदी से कम हो।
• एंजियोग्राफी, ब्लॉकेज या स्टंट लगे हों।
• पूर्व में हृदयाघात हुआ हो।
केदारनाथ बाबा के एक्टर अक्षय कुमार ने किए दर्शन
बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। इसी दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। अक्षय ने केदारनाथ मंदिर में पहुंचर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। विडियो में एक्टर अपनी सुरक्षा टीम के साथ मंदिर के अंदर जाते हुए दिखाई दिए। यात्रा के दौरान एक्टर ऑल ब्लैक लुक में नजर आ रहे हैं। अक्षय ने अपने माथे पर लाल और पीले रंग का टीका लगाया है। बाबा केदारनाथ के धाम में एक्टर की एक झलक पाने के लिए वहां लोगों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी।
इस दौरान अक्षय मंदिर के बाहर आए और हाथ जोड़कर फैंस का अभिवादन किया है। बता दें, अक्षय इन दिनों अपनी फिल्म की शूटिंग के लिए देहरादून में हैं। मंगलवार को एक्टर हेलीपैड से केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। इससे पहले अक्षय कुमार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर केदारनाथ मंदिर की एक तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने इस पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‹जय बाबा भोलेनाथ›। एक्टर के इस फोटो पर फैंस जमकर लाइक्स और कमेंट कर रहे हैं।
आज बर्फबारी का यलो अलर्ट
खराब मौसम की वजह से तीर्थ यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। केदारनाथ में बर्फबारी और चारों धामों में खराब मौसम से तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ गईं थीं। ऐसे में यात्रियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। मौसम विभाग ने 24 तारीख के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दिन प्रदेशभर में बारिश ओलावृष्टि और 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अंधड़ चलने की चेतावनी जारी की है।
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