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महाकाल में हिंदी न आने वाले श्रद्धालु बन रहे आसान शिकार : भस्म आरती के नाम पर परिवार को ठगा, सख्ती के बाद लौटाए रुपए

02-02-2023 : 03:11 pm ||

खुलासा फर्स्ट… उज्जैन

विश्व प्रसिद्ध उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के नाम पर एक बार फिर दलाली के मामले का खुलासा  हुआ है। मंदिर में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल की भस्म आरती और जल अर्पित करने की आस लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की इस भीड़ के बीच शातिर ठग भी सक्रिय हैं। वो मंदिर की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। वो आए दिन श्रद्धालुओं को अपना शिकार बना रहे हैं। उन्हें भस्म आरती और वीआईपी दर्शन के नाम पर लूट रहे हैं। इस मामले में जब खुलासा फर्स्ट ने पड़ताल की तो सबसे ज्यादा ठगों के शिकार ऐसे श्रद्धालु हो रहे जिन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान नहीं है। दक्षिण भारत, उड़ीसा जैसे राज्यों के लोगों को आसानी से शिकार बनाया जा रहा है। 


आॅनलाइन टिकट में गेट नंबर हो दर्ज 

रात 1 बजे जैसे ही श्रद्धालु भस्माआरती के लिए पहुंचते हैं, वैसे ही कई दलाल पूछताछ शुरू कर देते कि आपको सीधे दर्शन करना है। इसमें दूसरे प्रदेशों से आए लोग जल्द दर्शन की चाह में इनके शिकार बन जाते हैं। फिर दर्शन कराने के लिए एक पूरी चेन की तरह सिस्टम काम करता है। इसमें श्रद्धालुओं को ढूंढने और उन्हें मंदिर तक पहुंचाने का काम होता है। इसमें कई फर्जी पंडित बने लोग ही इस तरह की ठगी को सबसे ज्यादा अंजाम दे रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती व्यवस्था में मनमानी से श्रद्धालु परेशान हैं। बिना पूर्व सूचना के व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। इससे आम दर्शनार्थी भ्रमित हो रहे हैं, इसका फायदा दलाल उठा रहे हैं। इसमें 1 नंबर से 4 नंबर गेट तक आने और जाने में कई बार श्रद्धालु खुद परेशान हो जाते हैं। 


इसी परेशानी का फायदा आसानी से दलाल ले रहे हैं। टिकट की जानकारी न होने पर ठग आसानी से लोगों को अपना शिकार बना रहे है। श्रद्धालुओं का कहना है कि आॅनलाइन टिकट में यदि सीधे मंदिर प्रशासन गेट नंबर की इंट्री दे तो शायद इससे कोई परेशान नहीं होगा। लोगों का कहना है कि महाकाल मंदिर भी जल्द से जल्द वीवीआईपी कल्चर सोमनाथ मंदिर की तरह पूरी तरह बंद करना चाहिए। हर महाकाल के भक्त को एक ही नजर से देखना चाहिए।


फर्जी पंडित ने की ठगी 

एक बार फिर श्रद्धालु ठगी का शिकार हुए हैं। मामले में महाकाल थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी अभी फरार हैं। इस बार महाकाल मंदिर समिति और जिला प्रशासन दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहा है। राजस्थान में जोधपुर निवासी ईशा शर्मा परिवार के साथ उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे। परिवार बाबा महाकाल की भस्म आरती और गर्भगृह से दर्शन करना चाहते थे। लेकिन इन श्रद्धालुओं का सामना मंदिर के आसपास घूम रहे ठगों से हो गया। श्रद्धालु ईशा से शिव शर्मा नामक एक फर्जी पंडित ने भस्म आरती अनुमति बनाने और गर्भगृह दर्शन कराने के नाम पर 4,300 रुपए ले लिए। इसके बाद जब श्रद्धालु सुबह गर्भगृह में जाने के लिए 1,500 रुपए की लाइन में लगे तो मंदिर कर्मचारियों ने रसीद मांगी तो उनके पास रसीद नहीं थी।


प्रशासक संदीप सोनी की पहल से मिली मदद

श्रद्धालु ने मंदिर प्रशासन को बताया कि उन्होंने दर्शन के पैसे पंडित शिव शर्मा को दिए हैं। उसके बाद श्रद्धालु ने ठग को फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया, जिसके बाद ठगी का खुलासा हुआ। फिर श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी से शिकायत की। इसके बाद संदीप सोनी ने महाकाल थाना पुलिस को पत्र भेजकर संबंधित व्यक्ति शिव शर्मा के खिलाफ धारा-420 के तहत मामला दर्ज कराया है। 


    पत्र में प्रशासक ने एक करोड़ रुपए का मानहानि मुकदमा भी करने का उल्लेख किया है। वहीं, पुलिस ने आरोपी ठग के खिलाफ मामला दर्जकर गिरफ्तार करने की बात कही है। श्रद्धालु ने जब उनसे शिकायत की थी, तभी श्रद्धालु के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को मोबाइल से कॉल किया, जिसमें संबंधित पंडित ने अधिक राशि लेने की बात स्वीकारते हुए फोन पे के माध्यम से 2,100 रुपए वापस भी किए। कॉल रिकार्डिंग के बाद एफआईआर दर्ज कराई है। प्रशासक संदीप सोनी ने सख्य रवैये के बाद इस मामले में भस्म आरती में रहने वाले कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। यदि कर्मचारी शामिल रहे तो उन्हें भी नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।



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