https://khulasafirst.com/images/b5f3b175f01dc9f072438091e1fd3a40.png

Hindi News / indore / Darshan of Baba Kedarnath is happening for 22 hours out of 24

24 में से 22 घंटे हो रहे बाबा केदारनाथ के दर्शन : पूजा के लिए तड़के से लग रही लाइन, दो घंटे ही पट हो रहे बंद

02-06-2023 : 02:08 pm ||

चारधाम यात्रा पर जाने वाले भक्तों के लिए अच्छी खबर है। बाबा केदारनाथ के दर्शन का समय बढ़ा दिया गया है। बद्री-केदार मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं की की बढ़ती संख्या के मद्देनजर फैसला लिया। अब 24 में से 22 घंटे तक भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने की अनुमति है। केदारनाथ मंदिर को खोलने का समय बढ़ाया गया है। श्रद्धालुओं के लिए 22 घंटे तक मंदिर खुला रखा जा रहा है। भक्तों को अब रात के समय भी बाबा केदारनाथ का दर्शन करने दिया जा रहा है।


खुलासा डेस्क

बता दें कि केदारनाथ धाम की यात्रा पर इस बार रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े छह लाख पार हो गई है। रोजाना लगभग 25 हजार यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा भक्तों को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने दिया जा रहा है। सभी यात्रियों को बाबा केदार का दर्शन कराने के लिए बद्री-केदार मंदिर समिति ने नई व्यवस्था लागू की है। व्यवस्था के तहत दर्शन करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है।


पहले यात्री सुबह से लेकर रात नौ बजे तक यात्रियों को बाबा केदार के दर्शन करने की अनुमति थी। नई व्यवस्था के तहत अब रात में भी दर्शन कराए जा रहे हैं। दर्शन करने का समय बढ़ने से धाम पहुंचने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। कुल मिलाकर 24 में से 22 घंटे बाबा केदारनाथ के दर्शन भ्क्तों को कराए जा रहे हैं। बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि केदारनाथ धाम आने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। प्रत्येक दिन बीस हजार के पार तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में मंदिर के खोलने का समय बढ़ा दिया गया है।


रानाचट्टी के पास हाइवे का 15 मीटर हिस्सा धंसा

उत्तराखंड में बारिश ने भी चारधाम यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। पिछले दिनों बारिश के बाद यमुनोत्री धाम से 25 किलोमीटर पहले रानाचट्टी के पास हाइवे का 15 मीटर हिस्सा धंस गया। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के बीच यात्रियों के लिए हिमालय के नाजुक पहाड़ हमेशा खतरा बनते रहे हैं। लगातार हो रहे भूस्खलन, कस्बों का धंसना और बेतरतीब निर्माण और यात्रियों की बढ़ती संख्या का वजन उत्तराखंड के पहाड़ सह नहीं पा रहे। चारधाम यात्रा में गए यात्रियों को मौसम की अनिश्चितता से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


मौसम की मार के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के दौरान इस बार मौसम के बदले रुख ने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। मौसम का रुख बदला हुआ है। लगातार बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। पहाड़ों पर ठंड रिकॉर्ड तोड़ रहा है। केदारनाथ में शुक्रवार को भी अधिकतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है, जो जून में रिकॉर्ड ही माना जा रहा है। बादल, बारिश और बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है । केदारनाथ धाम में ठहरने की सीमित संख्या के बावजूद हर रोज उससे कई गुना ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं। प्रशासन लगातार तीर्थयात्रियों से मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा में आगे बढ़ने की अपील कर रहा है। केदारनाथ मार्ग पर मई में ही कुबेर गदेरा के पास भारी मात्रा में ताजा बर्फ नीचे खिसक कर सड़क पर जमा हो गई। यहां बर्फ खिसकने की घटना भी हुई। यह घटना आसपास के दो गधेरों में हुई। बीच में एक टापू बच गया, जिस पर नेपाल के चार लोग फंस गए। पुलिस और एसडीआरएफ ने रस्सियों के सहारे उन्हें सुरक्षित निकाला।


धाम में बढ़ी भक्तों की संख्या देखते हुए मंदिर समिति का फैसला, नई व्यवस्था लागू 

बढ़ती ठंड और माइनस में तापमान की भी मुसीबत

लगातार बारिश और बर्फबारी से केदारनाथ धाम के आसपास तापमान काफी नीचे चला गया है। बर्फबारी होने से ग्लेशियर भी केदार पैदल मार्ग में लगातार खिसक रहे हैं। यही हाल हेमकुंड साहिब यात्रा पथ का भी है। भारी बारिश और बर्फबारी से केदारनाथ धाम के आसपास ठंड काफी बढ़ गई है और पारा माइनस में चला गया है। एक तो कड़ाके की सर्दी ऊपर से ऑक्सीजन की कमी के चलते यात्री दोहरी मुसीबत झेल रहे हैं। इस सबकी परवाह किए बिना ठंड और बारिश के बीच दर्शन के लिए श्रद्धालु लाइनों में खड़े नजर आ रहे हैं। वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूवैज्ञानिक डॉ. मनीष मेहता कहते हैं कि अप्रैल और मई में इस तरह की बारिश और बर्फबारी अप्रत्याशित हैं। बेमौसम बर्फबारी से हिमस्खलन की घटना सामान्य हैं। खासकर तब जब बर्फबारी से पहले मौसम गर्म रहा हो तो ऐसे मौसम में पड़ने वाली बर्फ जमीन पर पकड़ नहीं बना पाती।


हेली सर्विस के नाम पर ठगी  रोकन एसटीएफ सक्रिय

केदारनाथ के लिए जारी हेलीकॉप्टर सेवा को बुक कराने के लिए कई फर्जी वेबसाइटों के सक्रिय होकर बुकिंग के नाम पर ठगी की शिकायतें आ रही हैं। इन मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब एसटीएफ ने श्रद्धालुओं को बुकिंग को लेकर एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही एसटीएफ और मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन भी चला रही है। जिसमें शामिल कुछ टिप्स को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है।


बेहोश हुई महिला को पुलिस जवान ने पीठ पर लाद पहुंचाया अस्पताल

हर कोई चारधाम के दर्शन करना चाहता है। खासकर बुजुर्गों में ये चाहत ज्यादा है। गुरुवार को केदारनाथ में अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस मापा गया। कड़ाके की ठंड के कारण आज एक बुजुर्ग केदारनाथ धाम में बेहोश हो गई थी। उत्तराखंड पुलिस के जवान प्रमोद बुजुर्ग महिला को पीठ पर बिठाकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने चारधाम यात्रा पर आने वाले बीमार और बुजुर्ग लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। डॉक्टर का कहना है कि, चारधाम यात्रा में बीपी, दमा और डायबिटीज के मरीज अपना विशेष ख्याल रखें। क्योंकि हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर जब तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, तो अचानक उन्हें कम तापमान और कम ऑक्सीजन की मुश्किलें झेलनी पड़ती है। ऐसे में कम ऑक्सीजन की वजह से शरीर पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। चारधाम यात्रा में आने वाले डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के शरीर का तापमान अचानक बदलता है।


पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं से फिलहाल यात्रा टालने की अपील की

उत्तरखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने गढ़वाल हिमालय श्रृंखला में स्थित चारों धामों में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को मंदिरों की क्षमता से कहीं अधिक बताते हुए तीर्थयात्रियों से अपनी यात्रा टालने की अपील की। उन्होंने कहा कि चारधाम की यात्रा दिवाली तक जारी रहेगी। डीजीपी ने कहा कि चारधाम यात्रा में आजकल बहुत ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे है, जो मंदिरों की क्षमता से कहीं अधिक है। इससे सभी प्रकार की असुविधा हो रही है, यातायात प्रबंधन बहुत मुश्किल हो गया है। मंदिरों की तरफ जाने वाले पैदल मार्ग में भी अकसर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और श्रद्धालुओं के लिए दर्शन भी सुगम नहीं हो पा रहे हैं।


डीजीपी कुमार ने कहा कि, ‘‘कई श्रद्धालु सोचते हैं कि यात्रा केवल मई-जून में चलती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह नवंबर के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यह दिवाली तक चलती है। उन्होंने कि उत्तराखंड में अक्टूबर का महीना मौसम के हिसाब से बहुत अच्छा होता है अत: श्रद्धालु असुविधा से बचने के लिए चारधाम यात्रा पर आना अभी टाल सकते हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से गंगोत्री-यमुनोत्री के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं से अकसर यातायात जाम रहने वाले मसूरी मार्ग से न जाने की भी अपील की। कुमार ने कहा कि वे मंदिरों को जाने के लिए मसूरी मार्ग की जगह विकासनगर, नैनबाग और डामटा मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। प्रदेश में बार-बार बिगड़ रहे मौसम के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तीर्थयात्रियों से मौसम का अपडेट लेने के बाद ही यात्रा पर निकलने की अपील की, जिससे उन्हें रास्ते में परेशानी का सामना न करना पड़े। धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से मैं अनुरोध करूंगा कि बीच-बीच में भारी बारिश और बर्फबारी को देखते हुए मौसम की ठीक प्रकार से जानकारी प्राप्त कर लें और तभी यात्रा पर निकलें।


All Comments

No Comment Yet!!


Share Your Comment


टॉप न्यूज़