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Hindi News / politics / CM could not go to elder brother s residence due to religious reasons
मुख्यमंत्री का इंदौर आकर बगैर शोक संतप्त शुक्ला परिवार से मिले जाना दिनभर रहा चर्चा का विषय
सोशल मीडिया पर दिनभर चली सीएम विरोध की पोस्ट, कांग्रेस ने भी बनाया मुद्दा, ट्वीट तक किया
सीएम ने फोन कर बताई मजबूरी, शोक संवेदनाएं प्रकट कर तीन दिन बाद आने का किया वादा
प्रदेश के मुख्यमंत्री का शनिवार को इंदौर प्रवास पर आना और शोक संतप्त स्व. विष्णु प्रसाद शुक्ला परिवार से बगैर मिले वापस लौट जाना शनिवार को दिनभर चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया। जनसामान्य ही नहीं, भाजपाइयों के लिए भी ये चौंकाने वाला विषय रहा। सोशल मीडिया पर इसका विरोध करती पोस्ट दौड़ने लगी। कांग्रेस ने तो इसे मुद्दा बनाते हुए ट्वीट तक कर दिए, लेकिन हकीकत इसके उलट निकली। बड़े भैया परिवार की तरफ बढ़ते सीएम के कदम धार्मिक कारणों से थम गए। मुख्यमंत्री किसी धार्मिक अनुष्ठान में पहले से संकल्पबद्ध थे, जिसमें गमी वाले परिवार से उठावने तक दूरी मुकर्रर रहती है। इंदौर से भी वे सीधे काशी ( वाराणसी ) के लिए रवाना हुए।
खुलासा फर्स्ट… इंदौर
इंदौर एक दिन पहले से उद्वेलित था। जनसंघ के समय के भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णुप्रसाद शुक्ला का निधन हो गया था। शुक्ला का निवास क्षेत्र बाणगंगा ही नहीं, समूचे शहर में शोक की लहर थी। ऐसे में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का इंदौर आना और अपने ही पार्टी के वरिष्ठ संस्थापक नेता के निवास पर जाकर संवेदनाएं प्रकट करे बगैर शहर से लौट जाना सबको हैरत में डाल गया। सीएम रोजगार से जुड़े एक सरकारी आयोजन के लिए संक्षिप्त प्रवास पर इंदौर आए थे। लिहाजा सबको ये पूरी उम्मीद थी कि सीएम बाणगंगा जाएंगे और शुक्ला परिवार को संबल प्रदान करेंगे।
लेकिन वे कार्यक्रम से सीधे विमानतल पहुंच गए, जबकि उनका काफिला बड़ा गणपति चौराहा से ही निकला था, जहां से बाणगंगा पहुंचने में सीएम के काफिले को मुश्किल से पांच-सात मिनिट लगते। लेकिन वे नहीं गए तो चर्चाओं का बाजार तेजी से गर्म हो गया। सोशल मीडिया पर सीएम की आलोचना शुरू हो गई। कांग्रेस ने तो सीएम के विमानतल पर उड़ने से पहले ट्वीट भी कर दिया कि अपनी ही पार्टी के संस्थापक नेता के प्रति मुख्यमंत्री का रवैया अचरजभरा है।
राजनीति के जानकारों के लिए भी शिवराज का ये कदम चौंकाने वाला था। आमतौर पर सीएम ऐसे किसी भी विषय में बेहद गंभीर और संवेदनशील माने जाते हैं। ऐसे में सीएम का ये व्यवहार सबको हैरत में डाल रहा था।
धार्मिक अनुष्ठान में संलग्न हैं सीएम
खुलासा फर्स्ट ने इसकी पड़ताल की कि आखिर क्या कारण रहा जो सीएम बगैर बड़े भैया को श्रद्धासुमन अर्पित किए क्यों लौट गए। दरअसल शिवराजसिंह चौहान इन दिनों कई धार्मिक अनुष्ठान में संलग्न हैं। इसमे यज्ञ-हवन-जप शामिल है जो उनके नाम से विभिन्न मठ-मंदिरों और आश्रम में चल रहे हैं। इसमें तांत्रिक शक्तिपीठ कामख्या देवी का मंदिर भी शामिल है, जहां हाल ही में सीएम गए भी थे। ऐसे तमाम आयोजन में वे पुरोहितों द्वारा संकल्पबद्ध हैं, जिसमें जब तक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न नहीं होता, जजमान किसी गमी वाले परिवार में नहीं जा सकता। सीएम की काशी यात्रा भी इसी निमित्त थी, जिसकी उड़ान उन्होंने इंदौर से ही ली।
सीएम और उनके खास करीबियों को ही इस बात की खबर थी कि सीएम बाणगंगा शुक्ला परिवार में नहीं जा पाएंगे। सीएम ने इस संबंध में शोक में डूबे शुक्ला परिवार से फोन पर संपर्क भी किया। परिजनों से बात कर उन्होंने नहीं आने की स्थिति स्पष्ट की और तीन दिन बाद परिवार के बीच आने की बात कही। फोन पर ही उन्होंने बड़े भैया के पुत्रों से बात कर अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट कीं। खुलासा फर्स्ट से बड़े भैया परिवार के सदस्यों ने इसकी पुष्टि भी की और कहा भी कि सबको कारण पता नहीं है, इसलिए इस तरह की गलतफहमी पैदा हुई।
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