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Hindi News / politics / Chhotus charm in Jhagadiya and Mumtaz active in Bharuch
वडोदरा | एजेंसी
गुजरात के हर जोन और जिले में अलग समीकरण देखने को मिल रहे हैं। दक्षिण गुजरात के सूरत में आप कुछ सीटों पर बीजेपी का मूड बिगाड़ रही है। मध्य गुजरात में बागी बने क्षेत्रीय क्षत्रप अपने इलाकों में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। भरूच में लगभग 2017 वाली स्थिति ही बरकरार रहेगी। जंबुसर की सीट, जिस पर कांग्रेस का कब्जा है, का परिणाम कुछ इधर-उधर हो सकता है। 2017 के चुनाव में बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ा था। सौराष्ट्र में सीटें घटी थीं, लेकिन मध्य गुजरात में सीटों की संख्या अच्छी रही थी। पार्टी को 40 में से 22 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि 2012 में उसे 20 सीटें हासिल हुई थीं। पार्टी ने वडोदरा शहर में क्लीन स्वीप किया था। जिले में दो सीटों को छोड़कर तीन पर जीत हासिल की थी। ऐसे में पार्टी को क्या आप की एंट्री से फायदा मिलेगा या फिर अपनों की बगावत से नुकसान उठाना पड़ेगा। इसका पता 8 दिसंबर को चलेगा।
जोन में वडोदरा समेत कुल 8 जिले
जोन में आदिवासी बेल्ट भी
2017 में बीजेपी को यहां पर नुकसान नहीं हुआ था
छोटू वसावा का जलवा
हमें आदिवासी बहुल सीट झगड़िया पर छोटू वसावा का रुतबा देखने को मिला। वसावा ने कहा झगड़िया में उनकी टक्कर में कोई नहीं। 2017 के मुकाबले और बड़े अंतर से जीत हासिल करूंगा। छोटू वसावा का एक बार फिर नीतीश और शरद कुमार से प्रेम झलका और कहा हम विचाराधारा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा 2024 में हम नीतीश को पीएम बनाने के लिए जो करना पड़ेगा, सब करेंगे। छोटू वसावा ने आदिवासियों को देश का मूल निवासी बताया और बीजेपी की राजनीति पर कड़ा प्रहार किया।
विरासत के नाम पर सियासत नहीं
दिवंगत अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने बेबाकी से अपनी बातें रखी और साफ कहा मेरी रुचि राजनीति में है। समर्थकों और शुभचिंतकों की तरफ से इस बार भी चुनाव लड़ने का आग्रह किया गया। प्रस्ताव भी थे, लेकिन मैं सिर्फ विरासत के नाम नहीं लड़ना चाहती। लोगों के आग्रह पर मैं जरूर लडूंगी, लेकिन जरूरी होमवर्क भी करना चाहूंगी।
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